
हमने तो आपको दोस्त ही माना,
पर शायद कहीं कोई कमी रह गयी,
हमने आपको पलकों पे बिठाया,दिल में बसाया,
पर शायद कहीं कोई कमी रह गयी..
हम तो बस आपकी दोस्ती चाहते थे,
पर आपको अपना बना ना सके,
अगर कभी कहीं मौका मिले तो बताईएगा कि
कहाँ पर, कैसी कमी रह गयी,
हम आपके दोस्त ही हैं दुश्मन तो नहीं,
यही सोचकर हमारी आँखों में नमी रह गयी,
की आख़िर कहाँ पर कमी रह गयी..
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